भाजपा-जेडीएस के बीच बड़ा समझौता! लोकसभा चुनाव के लिए इतनी सीट देने पर बनी सहमति


गणेश कुमार स्वामी   2023-09-09 12:39:57



कर्नाटक में भाजपा और जनता दल (सेक्युलर) के बीच बड़े समझौते की खबर सामने आ रही है। पार्टी के नेता और कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा ने एलान किया है, कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए जेडीएस को चार सीटें देने पर सहमति जता दी है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने इसके लिए हामी भर दी है। 

सूत्रों के मुताबिक बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने मुलाकात की है। हाल ही में प्रज्वल रेवन्ना के कोर्ट केस को लेकर एक वकील से मिलने गए देवेगौड़ा ने उसी वक्त अमित शाह से गुप्त चर्चा की। बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच गठबंधन को लेकर अनौपचारिक चर्चा हुई है।

बताया जा रहा है कि अमित शाह के दौरे के दौरान गठबंधन पर अनौपचारिक बातचीत करने वाले देवेगौड़ा ने चार या पांच सीटों की मांग की है। देवेगौड़ा ने हासन, मांड्या, मैसूर, चिक्काबल्लापुर, तुमकुर, बेंगलुरु के ग्रामीण इलाकों में जेडीएस को समर्थन देने को कहा है, इस इलाके में हमारी ताकत ज्यादा है। उन्होंने कहा कि आप हमारा हाथ थामे, हम बाकी काम में आपका साथ देंगे। देवेगौड़ा की मांग मानी गई तो जेडीएस के फैसले की घोषणा 10वें सम्मेलन के बाद की जाएगी।

गौरतलब है कि जेडीएस के विपक्षी गठबंधन इंडिया की बैठक से दूर रहने के बाद ही यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि यह पार्टी लोकसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के साथ जा सकती है।

भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य येदियुरप्पा ने कहा कि चुनावी तालमेल के तहत जद(एस) कर्नाटक में 28 संसदीय क्षेत्रों में से चार पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा और जेडीएस के बीच तालमेल होगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जेडीएस को चार लोकसभा सीट देने के लिए राजी हो गए हैं। येदियुरप्पा ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि इसने हमें काफी ताकत दी है और इससे साथ मिल कर हमें 25-26 लोकसभा सीट जीतने में मदद मिलेगी। इससे पहले जेडीएस प्रमुख देवेगौड़ा ने हाल में कहा था कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी।

भाजपा ने कर्नाटक में 2019 के लोकसभा चुनावों में 25 सीट पर जीत हासिल की थी, वहीं, भाजपा समर्थित एक निर्दलीय उम्मीदवार ने एक सीट पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस और जद(एस) ने एक-एक सीट पर जीत हासिल की थी।

अभी क्या है कर्नाटक में लोकसभा सीटों की स्थिति?

फिलहाल राज्य में भाजपा और जेडीएस के सियासी ताकत की बात करें तो जेडीएस के मुकाबले भाजपा काफी आगे दिखती है। राज्य में 28 लोकसभा सीटों में से सबसे ज्यादा 25 सीटें भाजपा के पास हैं। इसके अलावा एक-एक सांसद कांग्रेस-जेडीएस और एक जेडीएस समर्थक निर्दलीय सांसद है। 

भाजपा-जेडीएस गठबंधन होने से फायदा किसका?

जब कर्नाटक की बात आती है, तो जेडीएस के साथ बीजेपी के रिश्ते को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जाती हैं। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि एक साथ जाने से दोनों पार्टियों को मदद मिलेगी, दूसरों का कहना है कि भाजपा के लिए संभावित मामूली लाभ गठबंधन के लायक नहीं हो सकता है। इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस और जेडीएस के बीच गठबंधन की बात हुई थी, जब दोनों पार्टियां केवल एक-एक सीट ही जीत सकीं।

अब भाजपा-जेडीएस गठबंधन पर बातचीत के साथ एक सवाल यह है कि क्या दोनों पार्टियां एक-दूसरे को वोट ट्रांसफर कर सकती हैं। हाल के विधानसभा चुनावों में बीजेपी का वोट शेयर 36 फीसदी और जेडीएस का 14 फीसदी था, लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में अकेले बीजेपी को 52 फीसदी वोट मिले थे। जेडीएस को जहां बीजेपी की जरूरत है, वहीं इसको क्षेत्रीय पार्टी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है।

लोकसभा चुनाव में जेडीएस को साथ लेने के लिए बीजेपी की ओर से गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। सतही तौर पर यह एक अच्छा समीकरण दिखता है, लेकिन जमीनी स्तर पर कई बड़े मुद्दे हैं, जिन्हें सुलझाना बाकी है। लोकसभा चुनाव से पहले बीबीएमपी और जिला पंचायत चुनाव हैं। कोई भी गठजोड़ को इन दो चुनावों में कमाल दिखाना होगा और गठबंधन के काम करने के लिए दोनों पार्टियों के बीच की केमिस्ट्री भी होनी चाहिए।