एक्मे एकेडमी, अजमेर की मान्यता रद्द, रेप पीडिता की टीसी काटना पड़ा महंगा


गणेश कुमार स्वामी   2024-04-14 09:42:11



सामूहिक बलात्कार की शिकार छात्रा को स्कूल से निकालना प्राइवेट स्कूल को भारी पड़ गया। राज्य सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया है। शिक्षा निदेशालय बीकानेर ने शैक्षिक सत्र 2024-25 से प्राइवेट स्कूल की मान्यता रद्द कर दी है। हालांकि वर्तमान में पंजीकृत विद्यार्थियों पर इस कार्रवाई का कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा।

दरअसल, अजमेर के निकट गैर सरकारी एक्मे एकेडमी विद्यालय की हायर सेकेंडरी स्तर की मान्यता माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से रद्द कर दी गई है। इस प्राइवेट स्कूल ने रेप पीड़िता छात्रा को संरक्षण देने के बजाय विद्यालय स्कॉलर से उसका नाम काट दिया। साथ ही, प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए बिना टीसी जारी करने संबंधी गैर जिम्मेदाराना कार्य कर छात्रा के अध्ययन को बाधित किया है।

इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो इसलिए विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम 1989 नियम 1993 में वर्णित प्रावधानों के अंतर्गत बड़ी कार्रवाई की है। विभाग ने प्राइवेट स्कूल के उच्च माध्यमिक स्तर की क्रमोन्नति को आगामी शैक्षिक सत्र 2024-25 से रद्द कर दिया गया है, जिसे वर्तमान शैक्षिक सत्र में पंजीकृत अभ्यर्थियों के अध्ययन पर विपरीत प्रभाव न पड़े।

माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से छात्रा के भविष्य को ध्यान में रखते हुए ओपन स्कूल में प्रवेश दिलवाकर कक्षा 12वीं की परीक्षा दिलवाने की उचित व्यवस्था की गई है। ताकि छात्रा भविष्य में निरंतर अध्ययन कर सके। साथ ही वर्तमान सत्र समाप्ति पर संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी को दोषी प्राइवेट स्कूल की उच्च माध्यमिक कक्षाओं में अध्यनरत विद्यार्थियों के निर्बाध अध्ययन की अन्यत्र व्यवस्था करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

यह था मामला 

अक्टूबर 2023 में अजमेर की एक छात्रा के साथ उसके अपनों ने ही सामूहिक दुष्कर्म किया था। इसका मामला अजमेर के गेगल थाने में दर्ज हुआ था। दुष्कर्म पीड़िता को सांत्वना देने के बजाय उसी की स्कूल ने गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाया। छात्रा की शिक्षिकाओं ने उसे स्कूल आने के लिए मना कर दिया। इसके बाद 12वीं बोर्ड का एक्जाम पास में आया तो विद्यालय ने अनुपस्थिती का हवाला देकर उसका नाम और टीसी काट दी। इस पर छात्रा और परिजनों ने बाल कल्याण समिति को शिकायत की। समिति ने बीकानेर शिक्षा निदेशालय को पत्र लिखा था। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने मामले को गंभीरता से लिया और स्कूल की मान्यता रद्द करवा दी।