उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने की तैयारी, अगले सत्र में आ सकता है कानून


गणेश कुमार स्वामी   2023-08-25 09:33:05



उत्तराखंड सरकार आगामी विधानसभा सत्र में समान नागरिक संहिता का बिल सदन के पटल पर रख सकती है। इसके पहले यूसीसी कमेटी इसका ड्राफ्ट राज्य सरकार को सौंप सकती है। कमेटी से ड्राफ्ट मिलते ही इसे विधानसभा के पटल पर रखने की तैयारी शुरू कर दी जायेगी। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले इसे भाजपा का बड़ा गेम प्लान करार दिया जा रहा है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार स्वयं सीधे राष्ट्रीय स्तर पर यूसीसी कानून लाने के पहले भाजपा शासित राज्यों के स्तर पर इसे लागू कर इसके राजनीतिक असर की टेस्टिंग करना चाहती है।

उत्तराखंड में कानून लाकर इसके जरिए बड़ा संदेश देने की कोशिश भी की जा सकती है। इस लिहाज से उत्तराखंड यूसीसी कानून का मॉडल स्टेट बन सकता है। हालांकि, उत्तराखंड के साथ-साथ गुजरात में भी यूसीसी लाने की प्रक्रिया पर विचार किया जा रहा है। 

भाजपा सूत्रों के अनुसार, उत्तराखंड मॉडल से ही इस मुद्दे पर राष्ट्रीय स्तर पर संदेश दिए जाने के प्लान को अंतिम रूप दे दिया गया है। केंद्र का संकेत मिलने के बाद जी-20 के आयोजन के बाद इसे लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। 2014 का लोकसभा चुनाव नरेंद्र मोदी के वादों का चुनाव माना जाता है तो 2019 को केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का परिणाम माना जाता है। इसी तरह, माना जा रहा है कि 2024 का चुनाव जीतने के लिए भाजपा को जिस ट्रम्प कार्ड की जरूरत थी, उसे यूसीसी कानूनों के रूप में देखा जा सकता है। 

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समान नागरिक संहिता की हिमायत की थी। इसके बाद से ही ये कयास लगाए जाने लगे थे कि सरकार जल्द ही समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में आगे बढ़ सकती है। 2024 के लोकसभा चुनावों के पहले इसे केंद्र सरकार के द्वारा हिंदू मतों के ध्रुवीकरण के लिए खेला जाने वाला बड़ा दांव करार दिया जा रहा था। 

हालांकि, शुरुआती हलचल पैदा करने के बाद भाजपा के केंद्रीय नेताओं ने इस पर पूरी तरह से चुप्पी साध ली। माना जा रहा है कि आदिवासी मतदाताओं के बीच किसी तरह की गलतफहमी पैदा होने से राजनीतिक नुकसान होने की आशंका देख भाजपा ने फिलहाल इस पर रुकने का निर्णय लिया, लेकिन अनुसूचित जनजाति मोर्चे के द्वारा जागरूकता अभियान चलाकर इसके किसी नकारात्मक असर से बचने की योजना भी चलाई जाएगी। 

लेकिन उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता कानून लागू हो जाता है तो इससे पूरे देश के मतदाताओं को यह संकेत दिया जा सकेगा कि सही समय आने पर केंद्र सरकार पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में आगे बढ़ सकती है।

लव जिहाद कानून में भी यही हुआ

दरअसल, भाजपा ने यह मॉडल लव जिहाद कानून के मामले में भी लागू किया था। पहले उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और अन्य भाजपा सरकारों ने अपना धर्म छिपाकर विवाह करने को गैर कानूनी करार दे दिया। हर तरफ से इसकी प्रशंसा मिलने के बाद केंद्र सरकार नए आपराधिक कानूनों में इसे लागू करने का मसौदा संसद में पेश कर चुकी है। बिना लव जिहाद कानून शब्द का उपयोग किए इसे गैर कानूनी बनाने का रास्ता खोज लिया गया। 

ठीक इसी तर्ज पर केंद्र सरकार यूसीसी कानूनों को राज्यों में टेस्ट करने के बाद केंद्रीय स्तर पर लागू कर सकती है। उत्तराखंड सरकार का यूसीसी मॉडल सामने आने से केंद्रीय स्तर पर कानून बनाने में सुविधा भी रहेगी।