ऐतिहासिक आयोजन के साथ सम्पूर्ण हुई प्राण प्रतिष्ठा


गणेश कुमार स्वामी   2024-01-22 08:04:34



लंबे अरसे के बाद आखिरकार अयोध्या में रामलला विराजमान हो गए है। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में देशभर की कई बड़ी हस्तियों ने शिरकत की। मंदिर के गर्भगृह में पूजा अर्चना के दौरान पीएम मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ, संघ प्रमुख मोहन भागवत और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल मौजूद रहे।

पीएम मोदी ने दोपहर 12:04 बजे राम मंदिर में प्रवेश किया। इस दौरान उनके हाथों में पूजा सामग्री थी। पीएम मोदी भारतीय पारंपरिक वेशभूषा में मंदिर पहुंचे थे। दोपहर 12:07 बजे पीएम मोदी मंदिर के गर्भगृह में पहुंचे। जिसके बाद विधि विधान के साथ मंत्रोच्चारण शुरु हुआ। पीएम मोदी के साथ गर्भगृह में पूजा में संघ प्रमुख मोहन भागवत मौजूद रहें। दोपहर 12:29 बजे पूजा अर्चना के बाद प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया शुरू हुई। शंखनाद की ध्वनि और मंत्रोच्चारण के बीच रामलला की मूर्ति कि प्राण प्रतिष्ठा की गई। गर्भगृह में मौजूद पीएम मोदी, संघ प्रमुख मोहन भागवत, सीएम योगी आदित्यनाथ ने भगवान राम की आरती की, जिसके बाद प्राण प्रतिष्ठा दोपहर 12:31 बजे संपन्न हुआ। गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम मोदी दोपहर 1: 24 बजे गर्भ गृह से बाहर आए।

राम आग नहीं, ऊर्जा हैं... राम सिर्फ हमारे नहीं, सबके हैं 

पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, कि राम के इस काम में कितने ही लोगों ने त्याग और तपस्या की। अनगिनत लोगों, कारसेवकों, संत-महात्माओं के हम सब पर ऋण हैं। आज का अवसर उत्सवता का क्षण तो है ही, लेकिन यह क्षण भारतीय समाज की परिपक्वता के बोध का भी क्षण है। यह अवसर सिर्फ विजय का नहीं, विनय का भी है। दुनिया का इतिहास साक्षी है कि कई राष्ट्र अपने इतिहास में उलझ जाते हैं, जब देशों ने उलझी हुई गांठों को खोलने का प्रयास किया तो उन्हें सफलता पाने में कठिनाई आई है। लेकिन हमारे देश ने इतिहास की इस गांठ को जिस गंभीरता और भावुकता के साथ खोला है। यह बताता है कि हमारा भविष्य, हमारे अतीत से सुंदर होने जा रहा है।

अनुष्ठान का संचालन 121 आचार्य ने किया

इस ऐतिहासिक प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देश के सभी प्रमुख आध्यात्मिक और धार्मिक सम्प्रदायों के प्रतिनिधि शामिल हुए। बता दें शास्त्रानुसार दोपहर में अभिजीत मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित किया गया। अनुष्ठान का संचालन 121 आचार्य ने किया। 

नागर शैली में हुआ मंदिर का निर्माण

भव्य राम मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर शैली में किया गया है। इसकी लंबाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट है; चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है; और यह कुल 392 स्तंभों और 44 दरवाजों द्वारा समर्थित है। मंदिर के स्तंभों और दीवारों पर हिंदू देवी-देवताओं और देवियों के जटिल चित्रण प्रदर्शित हैं। मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार पूर्वी दिशा में स्थित है, जहां सिंह द्वार के माध्यम से 32 सीढ़ियां चढ़कर पहुंचा जा सकता है। मंदिर में कुल पांच मंडप (हॉल) हैं - नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप। मंदिर के पास एक ऐतिहासिक कुआं (सीता कूप) है, जो प्राचीन काल का है। मंदिर परिसर के दक्षिण-पश्चिमी भाग में, कुबेर टीला में, भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है, साथ ही जटायु की एक मूर्ति भी स्थापित की गई है।