संकल्प की खातिर उठे हाथ को न शरीर का मोह, न पीड़ा का भय, 14 वर्ष के लिए आसमान की ओर उठा बाबा का हाथ


गणेश कुमार स्वामी   2024-01-22 08:25:22



पिता की एक आज्ञा का पालन कर भगवान श्रीराम ने 14 वर्ष का वनवास काटा था। इस दौरान उन्होंने काफी कठिनाइयों का भी सामना किया। श्रीराम के चरित्र से प्रेरित दमोह के एक साधु ने भी 14 वर्ष की एक कड़ी तपस्या का प्रण ले रखा है। उन्होंने राममंदिर निर्माण का संकल्प लेते हुए अपना एक हाथ 6 साल से नीचे ही नहीं किया अभी 8 साल और इसी तरह वह अपने हाथ की तपस्या का प्रण लेकर चलेंगे।

दमोह के पथरिया ब्लॉक के शनि सिद्ध धाम के नांगा बाबा गोपाल पुरी बीते छह साल से अपना एक हाथ ऊपर उठाए हुए हैं और अभी आठ वर्ष और इसी तरह से रहने का संकल्प लिया है। बाबा के आध्यात्म के हठ योग को लेकर लोग बड़े अचंभित होते हैं।

दमोह के हठ योगी बाबा गोपाल पुरी बीते छह साल से अपने इस हाथ को आसमान की दिशा में उठाए हुए है, जिससे इनका बायां हाथ पतला हो गया है। हाथ के नाखून भी बड़े-बड़े हो गए हैं। वह अधिकतर समय हाथ को ढककर रखते हैं और 24 घंटे ऊपर उठाए रहते हैं। रात में सोते समय उसे बांधकर रखते हैं। ये बाबा भगवान राम के अनन्य भक्त हैं और बनवास काल के चौदह साल तक ये इस हाथ का उपयोग नहीं करने के लिए संकल्पित हैं। 

इनके साथी पंचोयोदय अखाड़ा हरिद्वार कलखल के बाबा कुश पुरी बताते हैं कि बाबा जी का एक संकल्प अयोध्या मंदिर निर्माण पूरा होने जा रहा है और शेष काल भी इसी तरह भक्ति भाव के साथ बीत जाएगा। उन्होंने बताया कि केवल एक हाथ का ही उपयोग करते हैं और दूसरा हाथ 6 साल से नीचे नहीं किया। बाबाजी का ये संकल्प का हठ योग है, जिसमें एक संकल्प पूरा हो गया है और दूसरा बाकी है। वह 24 घंटे बाबा की देखरेख और सेवा में रहते हैं।