14 दिन में सिर्फ पांच सौ मीटर ही चलेगा रोवर, उतने में ही खुल जाएंगे चांद के लाखों साल पुराने राज


गणेश कुमार स्वामी   2023-08-23 05:09:53



चंद्रमा पर उतरने वाला लैंडर जब उसकी सतह पर उतरेगा तो उसकी स्पीड करीब दो मीटर प्रति सेकेंड होगी। वैज्ञानिकों ने जो प्रोग्रामिंग और मॉनिटरिंग की है उसके मुताबिक चंद्रमा की सतह को छूने के लिए इससे ज्यादा की स्पीड बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकती थी। यही नहीं जब लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतर जाएगा तो उसमें से निकलने वाला रोवर भी कुछ सेंटीमीटर की गति के हिसाब से ही चलना शुरू करेगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि 14 दिनों तक चंद्रमा की सतह पर सक्रिय रूप से काम करने वाला रोवर महज पांच सौ मीटर ही चलकर चंद्रमा के राज खोल देगा। मिशन चंद्रयान पर बारीकी से नजर रखने वाले वैज्ञानिकों के अनुसार चंद्रयान के लैंडिंग से तेरह मिनट पहले का वक्त सबसे चैलेंजिंग होगा।

इसलिए होगी शून्य जैसी स्पीड

जैसे-जैसे मिशन चंद्रयान के पूरे होने की घड़ियां नजदीक आती जा रही हैं समूचे देश ही नहीं बल्कि दुनिया की निगाहें इसरो की ओर से मिलने वाली पल-पल की अपडेट पर बनी हुई है। वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रोफेसर संजीव सहजपाल कहते हैं कि जब चंद्रमा की सतह पर लैंडर उतर रहा होगा तो उसकी स्पीड एक तरह से शून्य ही होगी। उनका कहना है कि वैसे तो चंद्रयान में यह स्पीड दो मीटर प्रति सेकंड की होती है लेकिन चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण के कारण इसकी प्रोग्रामिंग और प्रणाली ऐसी होती है कि यह सतह पर पहुंचते ही शून्य हो जाए। प्रोफेसर सहजपाल का कहना है कि जैसे-जैसे लैंडर चंद्रमा की सतह के नजदीक आता जाएगा उसकी गति सबसे महत्वपूर्ण होती जाएगी। क्योंकि चंद्रमा के जिस हिस्से पर लैंडर उतरने वाला है वहां की सतह सामान्य जैसी नहीं है। इसलिए अनुमानित गति उतरते वक्त 2 मीटर प्रति सेकंड की होगी।

आखिरी के 13 मिनट होंगे महत्वपूर्ण

वैज्ञानिकों का कहना है कि चंद्रमा की सतह पर लांच होने वाले लैंडर के आखिरी 13 मिनट सबसे महत्वपूर्ण होंगे। क्योंकि यही वह वक्त होगा जब लैंडर चंद्रमा की सतह के सबसे करीब पहुंचने वाला होगा और चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण के चलते लैंडर की गति को भी प्रभावित कर सकता है। हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण को ध्यान में रखकर ही लैंडिंग की पूरी योजना बनाई गई हैं। एक अनुमान के मुताबिक चंद्रमा की सतह से 30 किलोमीटर की ऊंचाई से लैंडिंग शुरू करने पर लैंडर की स्पीड तेज होगी। क्योंकि इसी तेज स्पीड के साथ चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण भी उसको अपनी ओर खींचेगा। वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रोफेसर संजीव सहजपाल कहते हैं कि इसी प्रक्रिया के दौरान चंद्रयान के सिस्टम से लैंडर के उतरने की विपरीत दिशा में रेट्रो फायर शुरू होगी। इस प्रक्रिया से चंद्रयान की गति चंद्रमा की सतह पर उतरते वक्त न सिर्फ कंट्रोल में रहेगी बल्कि अनुमानतः दो मीटर प्रति सेकंड होगी। और सतह को छूते वक्त करीब-करीब शून्य रह जाएगी।