रेसलर बजरंग पूनिया ने फुटपाथ पर छोड़ा पद्मश्री, मेडल लौटाने के लिए पहुंचे थे पीएम आवास


गणेश कुमार स्वामी   2023-12-23 01:13:49



भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के चुनाव में बृजभूषण सिंह के करीबी संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के विरोध में रेसलर बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री लौटा दिया है। उन्होंने शुक्रवार को प्रधानमंत्री आवास के सामने फुटपाथ पर अपना मेडल रख दिया। संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट समेत कई रेसलर नाराज हैं। ये रेसलर्स काफी समय से बृज भूषण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इन सभी की मांग थी कि रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद पर किसी महिला को होना चाहिए।    

इससे पहले बजरंग ने सोशल मीडिया पोस्ट करके इसकी जानकारी दी थी। पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भी लिखी थी। पूनिया ने ये चिट्ठी भी X पर शेयर की है। बजरंग पूनिया ने पोस्ट के कैप्शन में लिखा कि मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जी को वापस लौटा रहा हूँ। कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है। यही मेरी स्टेटमेंट है।

साल 2019 में मिला था पद्मश्री  

29 वर्षीय बजरंग पूनिया को साल 2019 में पद्मश्री मिला था। पूनिया ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुके हैं। बजरंग ने 2019 में कजाखिस्तान के नूर सुल्तान में आयोजित विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में पहुंचकर पहली बार ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया था। उस चैम्पियनशिप में बजरंग ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। यह विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में उनका तीसरा मेडल रहा। टोक्यो ओलंपिक 2020 में बजरंग से वैसे तो गोल्ड मेडल की आस थी, लेकिन उन्हें कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा। 65 किलो भारवर्ग में ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले में बजरंग पूनिया ने कजाखस्तान के पहलवान दौलत नियाजबेकोव को 8-0 से मात दी थी।

वहीं, विनेश फोगाट ने भी अपना विरोध जाहिर करते हुए कहा है कि किसी खिलाड़ी के मरने पर रोने का इंतजार करना अभी। आपका नया भारत देश मुबारक हो, महिलाओं के सम्मान में।

बता दें कि गुरुवार को बृजभूषण सिंह के करीबी संजय सिंह भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष चुने गए थे। संजय सिंह के चुनाव के बाद साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। उसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में साक्षी ने रेसलिंग छोड़ने की घोषणा की थी। साक्षी ने कहा था कि हमने दिल से लड़ाई लड़ी, लेकिन अगर बृज भूषण जैसे शख्स के बिजनेस पार्टनर और करीबी सहयोगी को डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष चुना गया है, तो मैं कुश्ती छोड़ने का फैसला करती हूं। आज से आप मुझे मैट पर नहीं देखेंगे। साक्षी इस दौरान काफी इमोशनल हो गई थीं।