दर्द और बुखार... 7 बच्चों की मौत और 300 से ज्यादा बीमार, झारखंड से बिहार तक कहां से आई रहस्यमय बीमारी


गणेश कुमार स्वामी   2023-11-24 07:24:16



झारखंड के गोड्डा जिले के सुंदर पहाड़ी प्रखंड के कई गांवों में बच्चों में फैली अज्ञात बीमारी से लोग दहशत में हैं। एक हफ्ते के दौरान बीमारी से सात बच्चों की मौत हो गई है। सभी बच्चे पहाड़िया नामक आदिम जनजाति परिवारों के थे। बताया जा रहा है कि बच्चों को बुखार और दर्द की शिकायत थी। बीमारी फैलने की जानकारी मिलने के बाद जिला प्रशासन के निर्देश पर बुधवार को चिकित्साकर्मियों की एक टीम प्रभावित गांवों में पहुंची। बच्चों की मौत की वजह क्या है, इसकी जांच की जा रही है। विश्व आदिवासी अखिल एभोन संगठन के संजय किस्कू द्वारा जिला प्रशासन को लिखित तौर पर दी गई जानकारी के मुताबिक बड़ा सिंदरी पंचायत के जोलो, बैरागो, सारमी, सिदलेर, डांडो आदि गांवों के कई बच्चे इस बीमारी से पीड़ित हैं।

एक हफ्ते में 7 बच्चों की मौत

जोलो और बैरागो गांव में 14 नवंबर से 21 नवंबर तक पांच बच्चों की मौत हुई है, जबकि डांडो और सारमी में भी दो बच्चों की जान बीमारी से चली गई है। उन्होंने बताया है कि सभी मृतकों की उम्र 10 वर्ष से कम थी। इधर गोड्डा के विधायक अमित मंडल ने कहा है कि यह इलाका सीएम हेमंत सोरेन के निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है, लेकिन जिला प्रशासन आदिम जनजाति परिवारों के बच्चों में फैली बीमारी से अनजान है। यह अत्यंत दुर्भाग्यजनक स्थिति है।

बिहार में WHO की टीम पहुंची

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की टीम ऐसे ही लक्षण दिखाने वाली जानलेवा बीमारी का पता लगाने के लिए बिहार पहुंच गई है। ये बीमारी राज्य के गया जिले के एक हिस्से में कहर बरपा रही है। इस बीमारी के लक्षण में जोड़ों में दर्द और बुखार है। अब तक 300 से ज्यादा लोग इस बीमारी के शिकार हो चुके हैं। पटवा टोली के लोगों ने इस बीमारी का नाम लंगड़ा बुखार रखा है। वजह ये है कि ठीक होने के बाद इस बीमारी से पीड़ित लोग जोड़ों में इतने भयानक दर्द का सामना करते हैं कि ठीक से चल भी नहीं पाते। इसीलिए मरीजों के ब्लड सैम्पल जांच के लिए पटना भी भेजे गए हैं।

बीमारी के लक्षण

इलाके के डॉक्टरों का कहना है कि बीमारी के लक्षण डेंगू और चिकनगुनिया से मिलते-जुलते हैं और मरीजों के खून के नमूने लेकर सीबीसी जांच के लिए पटना स्थित प्रयोगशाला में भेज दिए गए हैं। डॉक्टरों ने कहा है कि सीबीसी जांच के बाद बीमारी की प्रकृति का पता चल जाएगा। टीम की ओर से सभी तरह की जांच की गई। अब इस बीमारी के बारे में पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। स्थानीय लोगों ने इस बीमारी का नाम लंगड़ा बुखार दिया है। जिसके बारे में डब्ल्यूएचओ की टीम भी जानना चाह रही है।