मानवता के सामने सबसे बड़ा खतरा - एएमआर, डब्ल्यूएचओ की चेतावनी, सिर्फ बचाव ही उपचार


गणेश कुमार स्वामी   2023-11-21 06:56:07



एंटी बायोटिक दवाओं के गलत इस्तेमाल की वजह से मानवता के सामने एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस (एएमआर) किसी भी महामारी की तुलना में सबसे बड़े स्वास्थ्य खतरे के तौर पर उभरा है। एक अनुमान के मुताबिक 2050 तक इस एमएमआर की वजह से दुनिया में हर साल 1 करोड़ से ज्यादा लोगों की मौत होगी। यह आंकड़ा कितना भयावह है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस सदी की सबसे भयावह महामारी कोविड की वजह से तीन वर्ष में करीब 70 लाख लोगों की मौत हुई। जबकि, एमएमआर की वजह से फिलहाल, हर साल दुनिया में 50 लाख लोग दम तोड़ रहे हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक एएमआर वैश्विक स्तर पर मानवता के सामने आने वाले 10 सबसे बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य के खतरों में से एक है। इस वर्ष 18-24 नवंबर तक होने वाले विश्व एएमआर जागरूकता सप्ताह के तहत डब्ल्यूएचओ एएमआर को रोकने के लिए जरूरी और तुरंत किए जाने वाले कार्यों की जानकारी दुनियाभर में प्रसारित कर रहा है।

एएमआर के चलते हर साल दक्षिण पूर्व एशिया में हो रही 4 लाख लोगों की मौत

दक्षिण पूर्व एशिया के लिए डब्ल्यूएचओ की क्षेत्रीय निदेशक पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि एएमआर एंटी बायोटिक, एंटी फंगल और एंटी पैरासिटिक दवाओं की प्रभावकारिता और क्षमता पर विनाशकारी प्रभाव डालता है। इसकी वजह से संक्रामक रोगों का प्रभावी इलाज प्रभावित होता है। उन्होंने बताया कि अकेले दक्षिण एशिया में हर साल इसकी वजह से करीब 4 लाख लोग दम तोड़ते हैं।

यह है एएमआर

जब बैक्टीरिया, वायरस, फंगस और पैरासाइट्स पर उनके इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली दवाओं का असर नहीं होता हैं, तो इस स्थिति को एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस कहा जाता है। जब एंटीबायोटिक से लगातार किसी जीवाणु संक्रमण का इलाज किया जाता है, और कामयाबी नहीं मिलती है तो वह जीवाणु उस दवा के खिलाफ प्रतिरोध विकसित कर लेता है, जिससे संक्रमण का इलाज करना मुश्किल या असंभव हो जाता है।

दवाओं का दुरुपयोग सबसे बड़ी वजह

एएमआर विकसित होने का सबसे बड़ा कारण दवाओं का दुरुपयोग है। अक्सर जरूरत नहीं होने पर भी जल्द स्वस्थ होने के लिए एंटी बायोटिक, एंटी फंगल और एंटी पैरासिटिक दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे मनुष्यों के साथ ही जानवरों, पौधों और पर्यावरण के लिए भी खतरा पैदा हो रहा है।

इलाज पर अतिरिक्त खर्च करने पड़ेंगे 80 लाख करोड़  

विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2050 तक दुनिया पर स्वास्थ्य देखभाल पर करीब 80 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा। इसके अलावा एएमआर की वजह से वैश्विक निर्यात में 3.8% की कमी होगी, पशुधन उत्पादन में प्रति वर्ष 7.5% की कमी होगी।

सभी जीवों के स्वास्थ्य का ध्यान रखना ही है समाधान

पूनम खेत्रपाल कहती हैं कि एएमआर से बचने का एक ही तरीका है कि पृथ्वी पर सभी जीवों के समग्र स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाए। क्योंकि, मनुष्यों, जानवरों और पर्यावरण का स्वास्थ्य परस्पर जुड़ा हुआ और अन्योन्याश्रित है।