एशिया में पहली बार भारतीय डॉक्टरों का कमाल! बगैर खून बहाए हृदय का किया प्रत्यारोपण


गणेश कुमार स्वामी   2023-10-22 09:27:08



एशिया में पहली बार एक बूंद भी खून बहे बिना मरीज के दिल का सफल ट्रांसप्लांट का दावा किया गया है। मरीज को केवल 9 दिनों में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, जबकि सामान्य मामलों में 25 दिनों में छुट्टी मिलती है।

डॉ. राजीव सिंघल ने बताया, कि अहमदाबाद में 52 वर्षीय मरीज चंद्रप्रकाश गर्ग को दिल के ट्रांसप्लांट की जरूरत थी। इस मामले में दुर्घटना में मारे गए एक व्यक्ति का दिल मिला, जिसे नई तकनीक से गर्ग के शरीर में प्रत्यारोपित किया गया। 

अहमदाबाद के मारेंगो सीआईएमएस हॉस्पिटल (Marengo CIMS Hospital) के डॉक्टरों ने एशिया में पहली बार एक मरीज का हार्ट ट्रांसप्लांट किया है जिसमे ंब्लड ट्रांसफ्यूजन नहीं किया गया। 

दरअसल सर्जरी के दौरान मरीज को ब्लड की जरूरत होती है, लेकिन इस सर्जरी में तकनीक की मदद से डॉक्टरों ने ये चमत्कार कर दिखाया है। ये सर्जरी 52 साल के मरीज चंद्रप्रकाश गर्ग की हुई है। चंद्रप्रकाश इस्केमिक डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी और हार्ट फेलियर की आखिरी स्टेज पर थे। वहीं डोनर एक 33 साल के व्यक्ति थे जिनकी मौत सड़क दुर्घटना में हो गई थी।

डॉ. धीरेन शाह और धवल नाइक की टीम ने बिना एक बूंद खून बहे इसे पूरा किया। सामान्य हृदय प्रत्यारोपण और इस तकनीक के जरिये किए जाने वाले इलाज की लागत बराबर ही होती है। साथ ही किसी भी दूसरे व्यक्ति के खून चढ़ाने का जोखिम भी नहीं होता है। बाहरी खून लेने से मरीज के मरने और अस्पताल में ज्यादा दिन रहने का खतरा होता है।  

20 लाख यूनिट खून की कमी

भारत में 20 लाख यूनिट खून की कमी है। ऐसे में अगर यह तकनीक अपनाई जाती है तो बड़े पैमाने पर लाखों लोगों को खून मिल सकता है और उनका जीवन बच सकता है। साथ ही भारत में ऑर्गन डोनेशन की दर केवल एक फीसदी है जो अमेरिका में 30 फीसदी है। इस समय इस दर को बढ़ाने की जरूरत है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों का जीवन बचाया जा सके।